परिचय( Viv Richards )

सर विवियन अलेक्जेंडर रिचर्ड्स जो वेस्टइंडीज और विश्व क्रिकेट के महानतम बल्लेबाज है । जिन्हें विव रिचर्ड्स के नाम से भी जानते हैं तो चलते हैं 68 साल पीछे और बात करते हैं इनके शुरुआती जीवन की विव रिचर्ड्स का जन्म 7 मार्च 1952 को सेंट जॉन्स एंटीगुआ में हुआ था जो उस वक्त ब्रिटिश लिवार्ड आइसलैंड का हिस्सा था इनके पिता मलकम रिचर्ड्स और मां डिटेल रिचर्ड्स थी

नामविवियन रिचर्ड्स
पुरा नाम सर अजाइक विवियन अलेक्जेंडर रिचर्ड्स
उप नाम विव, मास्टर ब्लास्टर ,smokey
जीवनीआत्मकथा: सर विवियन: द डेफिनिटिव ऑटोबायोग्राफी
जन्म तिथि07 मार्च 1952
आयु(2020)68 year
जन्म स्थानसेंट जॉन्स
पितामैल्कम रिचर्ड्स
माँग्रेटेल रिचर्ड्स
भाईमर्विन और डोनाल्ड
गर्लफ्रेंडनीना गुप्ता
राष्ट्रीयताएंटीगुआन
धर्मईसाई
पत्नीमरियम
बच्चेमटारा, माली, और मसाबा गुप्ता
पसंदीदा शॉटहुक शॉट
भोजन की आदतमांसाहारी
पसंदीदा फुटबॉल क्लबliverpool F.C
क्या शराब पीते थेहां
क्या सिगरेट पीते थेहां
पसंदीदा बैट्समैनसचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकरवसीम अकरम
पसंदीदा संगीतकारबॉब मार्ले
आंखों का रंगकाला
बालों का रंगकाला
short details of viv rechards

Viv Richards age


2020 तक 68 साल
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    प्रारम्भिक जीवन( Viv Richards)



    मल कम रिचर्ड्स भी एंटीगुआ की फर्स्ट क्लास क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज रह चुके थे इनके दो भाई मरविन और डोनाल्ड भी एंटीगुआ टीम का हिस्सा थे विवियन को भी बचपन से क्रिकेट का शौक था अपने परिवार और अपने पड़ोसी पिंट युवान जो एंटीगुआ टीम के कप्तान थे उनके साथ क्रिकेट खेला करते थे रिचर्ड्स जो कि बाकी वेस्टइंडीज बच्चों की तरह कीचड़ में बिना किसी स्पेशल इक्विपमेंटन के खेला करते थे जिसने अपनी पढ़ाई सेंट जॉन्स प्राइमरी स्कूल और एंटीगुआ ग्रामर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की एंट्री ग्रामर सेकेंडरी स्कूल की तरफ से खेलते हुए उन्होंने अपना पहला शतक भी लगाया था इसके बाद एंटीगुआ के लोगों ने इनकी काबिलियत को पहचाना और उन्हें क्रिकेट की स्पेशल ट्रेनिंग लेने के लिए इंग्लैंड भेज दिया लेकिन वहां इनका मन नहीं लगा और कुछ समय बाद वापस अपने घर लौट आए क्रिकेट के प्रति इन शौक कब जुनून में बदल चुका था और इसी जुनून को पूरा करने के लिए उन्होंने 18 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ दी और सेंट जॉन्स क्रिकेट क्लब में दाखिल हुए साथी साथ अपना खर्च खुद उठाने के लिए इन्होंने सेंट जॉन्स के एक रेस्टोरेंट में काम करना भी शुरू कर दिया इस रेस्टोरेंट के मालिक विलियम ने इनकी क्रिकेट के प्रति लगन देखकर इन्हें क्रिकेट किट भेंट किया। रिचर्ड्स ने कुछ सीजन सेंट जॉन्स क्रिकेट कब से खेलने के बाद राइजिंग सन क्रिकेट क्लब में दाखिला ले लिया


    विव रिचर्ड्स का इंटरनेशन करियर(Internation career of Viv Richards)


    और इन्होंने अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू जनवरी 1972 में किया ये मैच इन्होंने लिवार्ड आइसलैंड की तरफ से विंडवार्ड्स के खिलाफ खेला जिसकी पहली पारी में उन्होंने 20 और दूसरी पारी में 26 रन बनाए फिर अगले साल इंग्लैंड के समर सेट काउंटी क्रिकेट क्लब के वाइस चेयरमैन लेन क्रीट की नजर उन पर पड़ी और लेन क्रीट उन्हे एक बार फिर इंग्लैंड ले आये और इनका का दाखिला बॉस शहर के लैंसडाउन क्रिकेट क्लब में करवा दिया यहां उन्होंने अपना पहला मैच 26 अप्रैल 1973 को वेस्टर्न सुपरमैन के मैदान पर लैंसडाउन जूनियर टीम की तरफ से खेला इसके बाद इन लैंसडाउन की सीनियर टीम में चुना गया जान की मुलाकात ऑलराउंडर सैंडी परेरा से हुई और सैंडी ने इनके खेल को निखारने में बहुत मदद की और इसी मदद का नतीजा यह हुआ कि उन्होंने लैंसडाउन की तरफ से अपना पहला सीजन उच्चतम औसत पर खत्म किया इस प्रदर्शन को देखते हुए इन्हें समरसेट की तरफ से 2 साल का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया इसकी तैयारी के लिए रिचर्ड्स 1974 में टोंट्न आ गए जहां उनकी मुलाकात हुई इंग्लैंड के महान गेंदबाज इयान बॉथम से 27 अप्रैल 1974 को इन्होंने बेनसन एंड हेजेस कप में अपना पहला मैच ग्रोमर गन के खिलाफ खेला जहा उनके शानदार प्रदर्शन के कारण उन्हें मैन ऑफ द मैच भी चुना गया समरसेट के इस शानदार प्रदर्शन ने इनको वेस्टइंडीज की नेशनल टीम के सिलेक्टर्स की नजर में लाकर खड़ा कर दिया और उन्हें इसी साल भारत के दौरे के लिए चुन लिया गया रिचर्ड्स ने अपना पहला टेस्ट मैच बेंगलुरु के मैदान पर भारत के खिलाफ खेला इस मैच में तो वह कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन अपने दूसरे टेस्ट मैच में दिल्ली के मैदान पर नाबाद 192 रनों की पारी खेलकर विश्व क्रिकेट को यह बता दिया कि उन्हें एक नया चैंपियन मिल चुका है अम्बाती रायडू वह भारतीय खिलाड़ी जिसे भारतीय टीम मे स्थायी मौके न मिले तो वो आयरलैंड क्रिकेट टीम की ओर से खेलने लगे ।

    टेस्ट क्रिकेट में उनके प्रदर्शन को देखते हुए इन्हें 1975 में होने वाले पहले वर्ल्ड कप के लिए चुन लिया गया इस वर्ल्ड कप में इन्होंने अपने वनडे करियर का आगाज श्रीलंका के खिलाफ 7 जून 1975 को किया वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला आस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच हुआ जिसमें वेस्टइंडीज ने एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की और क्रिकेट का पहला विश्व चैंपियन बना और वेस्टइंडीज के इस ऐतिहासिक जीत की पटकथा विवियन रिचर्ड्स ने ही लिखी अपनी फील्डिंग के दम पर उन्होंने इस मैच में अपनी शानदार फील्डिंग से आस्ट्रेलिया के अलार्न टर्नल, इन चैपल और कप्तान ग्रेग चैपल को रन आउट कर टीम को 17 रनों से जीत दिलाई फिर आया साल 1976 जैसे महान बल्लेबाज के करियर का सबसे यादगार साल रहा इस साल इन्होंने 90 की प्रभावशाली औसत से 710 रन बनाए जिसमें जिसमे इनके 11 टेस्ट मैचों में बनाए 7 शतक भी शामिल है इसी साल उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 829 रन बनाए जिसमें ओवल के मैदान पर बनाए 291 रन के टेस्ट करियर का सबसे बेस्ट प्रदर्शन है इनके द्वारा
    साल में बनाए इनके 1710 रनों का रिकॉर्ड 30 सालों तक का टूट रहा जिसे 2006 में पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहम्मद इरसद ने तोड़ा इंग्लैंड को अपनी पसंदीदा टीम भी मानते हैं और इस टीम के विरुद्ध उनके बनाए रिकॉर्ड और रन इस बात को सही साबित करते हैं रिजल्ट ने इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट करियर में 62 की औसत से 2869 रन बनाए हैं 1975 के बाद 1979 वर्ल्ड कप फाइनल भी उनके शानदार प्रदर्शन के नाम रहा इस मौच मे इन्होने 138 रन की पारी खेलकर अपनी टीम को दूसरी बार विश्व चैंपियन बनाने में मदद की 2005 तक रिचर्ड्स इकलौते ऐसे क्रिकेटर थे जिन्होंने एक वनडे मैच में शतक के साथ साथ पांच विकेट अपने नाम किए यह कारनामा इन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 1986 में किया था 1984 में इंग्लैंड के खिलाफ ओल्ड ट्रैफर्ड के मैदान पर वनडे मैच में खेली गई इनकी 189 रन की पारी वनडे क्रिकेट की सबसे महान पारियों में गिनी जाती है रिचर्ड्स ने ये 189 रन 4 नंबर पर

    बल्लेबाजी करते हुए बनाए थे जो आज तक किसी भी बल्लेबाज द्वारा वनडे मैच में चौथे नंबर पर बनाए गए सबसे ज्यादा रन है साथ ही साथ इस मैच में 10वे विकेट के लिए इनकी माइकल होल्डिंग के साथ 106 रनों की साझेदारी भी एक रिकॉर्ड है रिजल्ट जितने महान बल्लेबाज थे उतना ही अच्छे कप्तान भी रहे हैं 1984 से 1991 तक इन्होंने 50 टेस्ट मैचों में वेस्टइंडीज की बागडोर संभाली थी उनकी कप्तानी में वेस्टइंडीज टीम कोई भी सीरीज नहीं हारी थी इन्होंने 50 में से 27 टेस्ट मैचों में अपनी टीम को जीत दिलाई |

    Retirement of viv Richards


    इनका इतना शानदार कप्तानी करियर भी विवादों से दूर नहीं रह सका जिनमें से एक विवाद 1990 में इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट मैच के दौरान हुआ जब इन्होंने इंग्लैंड के बल्लेबाज बोब बैली के लिए अभद्र तरीके से अपील की जिसे विस्डन ने स्पोर्ट्समैनशिप का उल्लंघन बताया वह कहते हैं ना कोई भी चीज कहीं पर हर समय नहीं टिक सकती एक ना एक दिन हर किसी को अपनी जगह छोड़ने की पड़ती है ऐसा ही कुछ इनके साथ भी हुआ 1988 के बाद से रिचर्ड्स का कैरियर ढलान पर आने लगा 1989 से 1991 के बीच उनका टेस्ट करियर का औसत 53 से घटकर 50 पर आ गया इस दौरान खेले गए 19 टेस्ट मैचों में उनके बल्ले से सिर्फ एक शतक निकला अपने ढलते करीब को देखते हुए रिचर्ड्सने 1991 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी

    आखिर क्यों बीसीसीआई ने अंबाती रायडू के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद भी उनको उतने मौके नही दिए भारतीय टीम में जितनी की मिलनी चाहिए कही न कही अम्बाती रायडू की प्रतिभा को बीसीसीआई द्वारा नजरअंदाज किया गया ।


    विव रिचर्ड्स का अंतिम मैच(Last match of Viv Richards)



    उन्होंने अपना आखिरी वनडे मैच 27 मई 1991 को इंग्लैंड के खिलाफ खेला और आखिरी टेस्ट मैच 8 अगस्त 1991 को

    Test carrer


    बात करें इनके टेस्ट करियर की तो इन्होंने 121 टेस्ट मैचों में कुल 8540 रन बनाए जिनमें 24 शतक भी शामिल है उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ एंटीगुआ में 56 गेंदों में शतक भी लगाया था जो आज टेस्ट क्रिकेट का तीसरा सबसे तेज शतक है

    Oneday correr



    बात करेंगे वनडे करियर की तीनों ने 187 वनडे मैचों में 43 की औसत से 6721 रन बनाए इसके अलावा वनडे मिल के नाम 99 विकेट भी है जिसमें से 33 विकेट तीनों ने भारत के खिलाफ खेलते हुए लिया है रिचर्ड्स ने 187 वनडे मैचों में से केवल 33 मैच में वेस्टइंडीज के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के मैदान पर इन्होंने 73 वनडे मैच खेले जिनमें उन्होंने 2769 रन बनाए रिचर्ड्स 1975 से 1991 तक विश्व क्रिकेट के विदेशी जमीन पर खेलने वाले सबसे बेहतरीन बल्लेबाज थे

    इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई उनकी 189 रन की पारी आधी परसेंट के आधार पर अपनी टीम के स्कोर में किसी बल्लेबाज का सबसे बड़ा योगदान है इसमें से पूरी वेस्टइंडीज टीम 272 रन ही बना पाई थी यहां यह बताना भी जरूरी हो जाता है कि
    वेस्टइंडीज को उस हर वनडे मैच में जीत मिली जिसमें रिचर्ड्स के बल्ले से शतक निकला था

    Viv Richards record (रिचर्ड्स का रीकार्ड



    विवियन रिचर्ड्स के नाम वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 1000 रन पूरा करने का रिकॉर्ड भी दर्ज है इन्होंने अपनी किस पारियों में 1000 रन पूरा करने का कारनामा किया था या रिकॉर्ड आज तक अटूट है इसके अलावा अपने वनडे करियर में ये 21बार मैन ऑफ द मैच रहे मास्टर ब्लास्टर और स्वगैर के नाम से पहचाने जाने वाले इस बल्लेबाज ने अपना स्थान तो छोड़ दिया लेकिन वह स्थान आज तक खाली पड़ा है क्योंकि रिचर्ड्स जैसा बल्लेबाज ना तो वेस्टइंडीज को फिर मिल पाया और ना ही

    वर्ल्ड टेस्ट क्रिकेट को गेंद और गेंदबाज को तोड़ देने वाले उनके शाट और आज भी उनसे बेहतर कोई नहीं खेल सकता विवियन रिचर्ड्स 1974 में एंटीगुआ की तरफ से फुटबॉल वर्ल्ड कप भी खेल चुके हैं संयास के बाद भी विवियन अलेक्जेंडर रिचर्ड्स एक कमेंटेटर के तौर पर क्रिकेट से जुड़े हुए हैं 1991 में इनकी ऑटो बायोग्राफी The Definitive Autobiography भी पब्लिश हुई जीस मे इन्होंने बताया है कि कैसे इनकी पूरी जिंदगी क्रिकेट से जुड़ी रही है इसके अलावा यह 2013 की आईपीएल सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स के मेंटर की भूमिका में भी नजर आए बात करें मैदान पर इनके स्वभाव और खेलने के अंदाज की तो वह जगजाहिर कुछ रिकॉर्ड में विश्व क्रिकेट का सबसे आक्रामक बल्लेबाज बनाते हैं जिनमें से कुछ का जिक्र पहले ही कर चुके हैं इसके अलावा यह टेस्ट क्रिकेट के पहले बल्लेबाज थे जिन्होंने 150 की स्ट्राइक रेट से शतक लगाया था मैदान पर यह बल्लेबाज बड़ी से बड़ी गेंदबाज़ी लाइनअप को तोड़ने में सक्षम था इन्होंने 17 साल लंबे करियर में कोई भी मैच हेलमेट पहनकर नहीं खेला यहां को बता दें कि रिचर्ड्स जीस दौर में खेला करते थे उस समय के बाद ओवर की छह की छह गेंदे बाउंसर फेंक सकता था वसीम अकरम और डेनिस लिली जैसे धुरंधर गेंदबाजों के सामने बिना हेलमेट के खेलना इनके खुद पर विश्वास को दर्शाता है बात करें इनके एचिवमेंट की तो एक पूरी का पूरी पोस्ट इनके एचिवमेंट पर बनाया जा सकता है इसलिए हम आपको इनकी कुछ ऐसी मेसी बताएंगे

    अलेक्जेंडर रिचर्ड्स की उपलब्धि viv Richards Achievements


    अलेक्जेंडर रिचर्ड्स 1977 के विस्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर रह चुके हैं।
    साथी साथी इन्हे सन 2000 में 100 क्रिकेट एक्सपर्ट द्वारा सदी के 5 सबसे महान क्रिकेटरों में से एक चुना गया था।
    साथ ही साथ ये 6 सालों में आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष पर रह चुके हैं विस्डन ने अपने 150 साल के क्रिकेट इतिहास के आधार पर बनी टीम में इनको को शामिल किया है ।

    सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम (Sir Vivian Richards Stadium)



    Sir Vivian Richards Stadium नॉर्थ साउंड एंटीगुआ में इनके नाम पर एक स्टेडियम भी बना है । जिसका नाम सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम हैै जो कि एक अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के रूप में है इसका निर्माण 2007 में किया गया था

    viv richards and neena gupta relation


    बात करें उनकी पर्सनल लाइफ कि उनका संबंध 1986 से 1989 तक फिल्म और टीवी एक्ट्रेस नीना गुप्ता( neena gupta) से रहा जिनसे इनकी एक बेटी भी हुई जो फैशन डिज़ाइनर है जिनका नाम है मसाबा गुप्ता है।

    Viv richards wife


    रिचर्ड्स की पत्नी मरियम है जिनके दो बच्चे हैं इनका बेटा मोड़ी रिचर्ड्स एक फर्स्ट क्लास क्रिकेटर है

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