Independence day best desh bhakti poem in hindi for student

शीर्षक :- अपना भारत और हम l

 desh bhakti poem in hindi for student 

जिंदगी के हर मोड़ के सफर पर ।
किसी प्रहर के कहर पर ।
संभालता है जो हमें ।
वो कोई नही आपका धैर्य और संयम हैं ।
जिनके पास ये दोनो गुण हैं ।
वही लोग अक्सर होते शीर्ण हैं ।
अपने आपको पहचानो ।
कुछ भांपो और कुछ जानो ।
जिंदगी कटेगी नही आसानी से ।
ये तो चलती है हरेक कदम पर कुर्बानी से ।
जीना कायरो का काम नही ।
जो भी जी रहे है इस धरा पर।
संघर्ष कर रहे है कही न कही पर।
हालात बदलने हो गर आपको ।
तो सबसे पहले आप अपने विचार बदले ।
अपने आपको तपाकर लोहे सा कठोर बना दो ।
पत्थरो पर भी गर चलना हो तो उसे भी पिघला दो ।
अपने ऊपर से ये सज्जनता का पर्दा हटा दो ।
सराफत की दुनिया का अब किस्सा ही खत्म ।
अब जैसी दुनिया वैसे हम ।
रिश्ते मे भरोसा नही ।
और मोबाइल मे नेटवर्क न हो तो लोग आपके जिंदगी के साथ गेम खेलने लगते है ।
बङी मतलबी हैं रे! भाई ये दुनिया।
जब तक उनका तलब नही पुरा होता है तब तक का मतलब है ।
तारे आसमाँ मे भी टिककर चमकते हैं ।
और वीर पुरूष मुश्किल हालातो मे भी डटकर लङते हैं ।
ये नर ये नारी मतलब की दुनिया सारी ।
ये रूपया बङा जालिम हैं ।
जिनके भी है पास वो बङा नामी-गिरामी हैं ।
पता नही चलता लोग कैसा प्यार करते हैं ।
धन से या उसके तन -बदन से ।
हम गरीब जरूर है पर जीवन के हर मोड़ पर रखते तहजीब है ।
त्याग की आग मे बेशक जल जाएं ।
पर किसी भी दुश्मन के हाथ न आएंगे हम ।
हिंद हैं अपना वतन हम वहाँ के वासी है ।
राम, कृष्ण, बुद्ध ने जहां जन्म लिया और जहां काशी हैं ।
थोड़ा सनकी है पर सुनते अपने मन की हैं ।
हार तो कभी मानते नही ।
और बिना जीत का हार पहने कही से लौटते नही ।
सबसे यही अनुग्रह हैं ।
करते नही हम किसी से विग्रह है।
एकता बनाकर सब रहे बस यही अपना सोपान है ।
वो इंसान नही मसीहा हैं ।
जो अपने हमवतन की रक्षा मे दे देते जिगर -जान हैं ।
कुछ लोग तो यह कहकर पल्ला झाङ लेते है, जान हैं तो जहान हैं।
क्यो लोग भूल जाते है ।
अपने देश को एक बार फिर से ।
विश्वगुरू बनाना ही हमारी आन-बान-शान हैं।
जिसके लिए अपना भारत पूरे विश्व मे सरनाम है ।

desh bhakti poem in hindi
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कवि:- Rj Anand Prajapati
best desh bhakti poem in hindi for independence day

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