अंबाती रायडू का जीवन परिचय| Ambati Rayudu biography in hindi

    (Ambati Rayudu Retirement)


    Ambati rayudu वह खिलाड़ी जिसकी बल्लेबाजी और फील्डिंग विरोधी टीमियो के छक्के छुङा देते है और जो हमेशा दर्शको की विश्वसनीयता पर खरे उतरे । जी हम बात कर रहे है  23 सितंबर  1985 को गुंटूर आन्ध्र प्रदेश में जन्मे भारतीय खिलाड़ी अम्बाती रायडू की ।

    अम्बाती रायडू के पिता का नाम समशिवारायडू हैं जो एक अभिलेखागार विभाग  में कार्यरत हैं एक साक्षात्कार के दौरान Ambati rayudu ने कहा था की हमे क्रिकेट खेलने की प्रेरणा अपने पिताजी से ही मिली हैं । साल  1992 जब Ambati rayudu तीसरी कक्षा में पढते थे तभी उनके पिताजी अम्बाती को क्रिकेट प्रशिक्षण के लिए हैदराबाद में विजयपॉल क्रिकेट एकेडमी मे लेकर गए और उनके पिता उन्हे स्कूटर से एकेडमी ले जाया करते थे। रायडू के पिता उन्हे एकेडमी मे छोड़कर तुरंत नही जाया करते थे बल्कि वे  50 मीटर दूर खड़े होकर अपने पुत्र को प्रैक्टिस करते हुए देखा करते थे और मन ही मन अपने पुत्र से बहुत प्रभावित भी होते थे और धीरे -धीरे रायडू एक सफल क्रिकेटर बनने की तरफ उन्मुख होने लगे ।

    उस समय Ambati rayudu अपने विस्फोटक बल्लेबाजी, चीते की फुर्ती जैसे तेज फील्डिंग और दाएं हाथ के ऑफ ब्रेक स्पिन गेंदबाज के सर्वांगता के कारण अपनी छाप उन्होने अंडर  19 के राष्ट्रीय चयनकर्ताओ के ऊपर बख़ूबी छोङी । उनके इस परफार्मेंस को तो देखकर लोग इन्हे फ्यूचर का सचिन तेंदुलकर कहने लगे थे । अम्बाती रायडू ने  2001-2002 के दरमियान हैदराबाद के लिए रणजी ट्राफी से घरेलु क्रिकेट में पदार्पण किया और उस समय उनक उम्र महज 15-16 साल थी । अम्बाती रायडू का पूरा नाम अम्बाती तिरुपति रायडू है । रायडू को लोग प्यार से अम्बा कहकर बुलाते हैं ।

    अंबाती रायडू की शैक्षिक योग्यता |Educational qualification of Ambati Rayudu


    Ambati rayudu की शिक्षा -दीक्षा श्री रामकृष्ण विद्यालय सैनिकपुरी सिकंदराबाद से हुई और इनकी शैक्षिक योग्यता स्नातक तक हैं ।

     अम्बाती रायडू ने अपने डोमेस्टिक करियर की दौरान हैदराबाद, बडौदा, और इण्डिया ICL 11 जैसी बहुत सी टीमो के लिए खेला उस दौरान उनकी जर्सी का नम्बर  9 हुआ करता था । अम्बाती रायडू ने हैदराबाद की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेलते हुए  69.80 के औसत से  698 रन बनाए ।

    फिर तो Ambati rayudu को अंडर  16 क्रिकेट टीम मे खेलने का मौका मिला जहां उन्होने इतना अच्छा प्रदर्शन किया की उसके बदौलत उन्हे सन्   2004 में अंडर  19 क्रिकेट टीम का कप्तान चुना गया । जिसमें सुरेश रैना, इरफान पठान, दिनेश कार्तिक, RP सिंह और शिखर धवन जैसे धुरंधर खिलाड़ी शामिल थे । जिसमे शिखर धवन ने सबसे अधिक  505 रन बनाए थे और अंडर 19 की तरफ से उन्हे प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया


    क्रमांकविषयजानकारी
    1पूरा नाम (Full Name)अंबटि तिरुपथी रायुडु
    2जन्म दिवस(birthday)23/08/1985
    3जन्म स्थान(Birth place)(गुंटूर)आंध्र प्रदेश
    4पिता(Father)साम्ब शिवा राव
    5पत्नी(Wife)चेंनुपल्ली विद्या
    6शिक्षा (Education)हाईस्कूल
    7स्कूल(School)       भवन श्री रामकृष्ण विद्यालय
    8उम्र(2020 तक)36
    9जाति (Caste)     कम्मा जाति
    10बेस्ट स्कोर (Best Score)वनडे : 124 रनT20I : 20 रनIPL : 100 रन
    Ambati rayudu age, wife, biography, retirement in hindi |अंबाती रायडू

       आखिर क्यों बीसीसीआई ने अम्बाती रायडू को इण्डियन क्रिकेट टीम में खेलने से रोक लगाई( Why did the BCCI ban Ambati Rayudu from playing in the Indian cricket team)


     सन्  2004 में Ambati rayudu के कप्तानी में खेली गई अंडर 19 की भारतीय क्रिकेट टीम चैम्पियन न बन सकी बल्कि  2004 के अंडर  19 क्रिकेट वर्ल्ड कप की चैम्पियन पाकिस्तान की नेशनल टीम बनी थी । और अम्बाती रायडू की कप्तानी में भारतीय अंडर  19 टीम कुछ अच्छा न कर पाई और सन् 2007 के दौरान Ambati rayudu को इण्डियन क्रिकेट टीम में खेलने से बीसीसीआई ने रोक लगा दी थी हालांकि  2009 में बीसीसीआई ने उनके ऊपर लगे सारे प्रतिबंध को हटा दिया और उन्हे एक बार फिर से खेलने का मौका दिया ।

    अंबाती रायडू का इंटरनेशनल करियर| Internation career of Ambati Rayudu


                         Ambati rayudu                                                आखिर वह दिन काफी नजदीक आ ही गया जब अम्बाती रायडू ने अपना एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में डेब्यू किया और यह डेब्यू इन्होने  सन्  2013 में जिम्बाब्वे टीम के विरूद्ध किया था और इन्होने अपने डेब्यू मैच मे जिम्बाब्वे के खिलाफ नाबाद  63 रनो की तूफानी पारी खेली थी और इन्होने  अपने डेब्यू मैच में ही रिकार्ड स्थापित कर दिया क्योकि उन्होने अपने पहले ही अंतरराष्ट्रीय मैच में बङी ही निडरता और प्रखरता से अपने हुनर का परिचय दिया था । उसके बाद तो उन्होने न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, वेस्टइंडीज  श्रीलंका ,दक्षिण अफ्रीका और, इंग्लैंड जैसी अंतरराष्ट्रीय टीमो के खिलाफ खेला और अपने बेहतरीन प्रदर्शन का लोहा मनवाया । फ्यूचर के सचिन कहे जाने वाले अम्बाती रायडू ने अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच में अपना पहला शतक सन्  2014 में श्रीलंका के खिलाफ जङा था जिसमे रायडू ने अपने करिश्माई पारी से श्रीलंका को अहमदाबाद में हुए वन-डे मैच में नाबाद 121 रनो की शतकीय और विजयी पारी खेली थी यह कारनामा उन्होने महज  117  गेंदो का सामना कर किया अपने इस 121 रन के करिश्माई पारी के दौरान रायडू ने  10 चौको और 4 चौक्के लगाए ।

    और अपना क्रिकेट जगत के सामने अपना लोहा मनवाया था । Ambati rayudu एक विस्फोटक बल्लेबाज ही नही वरन् एक अच्छे -खासे गेंदबाज भी है जो दाएं हाथ से ऑफ ब्रेक स्पिन गेंदबाजी भी करते है । एक बार जब वो आस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी के स्टेडियम में तीन मैचो की श्रृंखला का पहला वनडे मैच खेल रहे थे तो विराट कोहली ने इन्हे पार्ट टाइम बॉलर के रूप मे यूज किया और इन्हे गेंदबाजी करने का मौका दिया सबसे बङी बात यह थी की जब वो गेंदबाजी करने के लिए आए तो आस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा और मार्श ने खेल रहे थे जिन्होने अम्बाती रायडू के गेंदबाजी करने के एक्शन पर सवाल उठाए और इलेगल बताया

    अंबाती रायडू का बॉलिंग एक्शन (Bowling action of Ambati Rayudu)


         Ambati rayudu  ke गेंदबाजी करने के तौर-तरीके की तुलना श्रीलंका के फिरकी गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन के के गेंदबाजी के एक्शन से की गई । इस दौरान अम्बाती रायडू ने दो ओवर फेंके और  कुल मिलाकर। 2 ओवरो में  13 रन दिए हालाँकि इनको कोई सफलता हाथ न लगी विकेट लेने में पर वो अपने गेंदबाजी के एक्शन को लेकर ICC के घेरे मे आ गए जिसको लेकर  ICC  ( International Cricket Council ) ने रायडू से कहां की वो अपने बॉलिंग एक्शन की जांच कराए । इसके लिए उन्हे  14 दिन का टाइम दिया गया था । हालाँकि उन्हे इतनी सहूलियत जरूर दी गई है कि वो जब तक उनकी गेंदबाजी के एक्शन के नतीजे नही आ जाते इन्टरनेशनल मैचो में तब तक वो बॉलिंग कर सकते है ।  

    बॉलिंग के ICC ने सभी गेंदबाजो के लिए क्या नियम -कानून बनाए हैं । ICC के नियमो के मुताबिक एक बॉलर अपने एल्बो को मैक्सिमम  15 डिग्री ही घूमा या मोङ सकता हैं अगर अम्बाती रायडू की कोहनी इस मानक से ज्यादा मुङती हुई पाई गई तो उन्हे बॉलिंग करने से बैन कर दिया जाएगा और इस केस में उन्हे दोबारा बॉलिंग करने के लिए अपना एक्शन सुधारना पड़ेगा  15 डिग्री का यह नियम ICC ने नवम्बर  2004 में सेट किया था ।हम आपको बताते चले की जब भी संस्पेक्टेड एक्शन के लिए किसी भी गेंदबाज को रिपोर्ट किया जाता है तो उसे  ICC के किसी भी टेस्टिंग सेण्टर में जाकर अपने एक्शन का ट्रायल देना होता है । इसके बाद ही वहाँ जांच की जाती है यह एक्शन लीगल है या नही दुनियाभर में तीन ICC Approve centre है जो की ब्रिसबेन, कार्डिफ और चेन्नई में हैं । इस टेस्ट को बायोमैकेनिक्स और ह्यूमन मूवमेंट एक्सपर्ट कण्डटेक्ट करते हैं इस दौरान एक खिलाड़ी कई सारे कैमराज से घिरा रहता है और उसके शरीर पर मोशन सेंसर लगे होते है तो आप समझ सकते है की एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचो में बॉलिंग भी करना ऐरा-गैरा नत्थू खैरा की बात नही है जिसमे हरेक गेंदबाज के बॉलिंग डिलीवर एक्शन की बहुत ही बारीकी और संजीदगी सें जांच होती है जिसके रडार में अम्बाती रायडू भी आ गए थे ।

    अंबाती रायडू द्वारा लिए गए विकेट |Wickets taken by Ambati Rayudu


    अगर बात करे Ambati rayudu की के एकदीवसीय अंतराष्ट्रीय मैचो मे लिए गए कुल विकेटो की तो इन्होने अपने 46 इनिंग्स में सिर्फ  9 दफा बॉलिंग की हैं और अपनी फेंकी गई  121 गेंदो में रायडू ने 124 रन दिए और तीन विकेट भी अपने  नाम किए । इन तीन विकेट्स में दो बहुत बङे नाम हैं जिनमे पहला नाम इंग्लैंड के धुरंधर बल्लेबाज एलिस्टर कुक का और दूसरा हैं श्रीलंका के तिलकरत्ने दिलशान का और जो तीसरा विकेट था वह बांग्लादेश के आलराउंडर खिलाङी मुस्तीफिजुर्रहमान का रायडू ने अपना आखिरी इन्टरनेशनल विकेट  5 साल पहले  24 जनवरी  2015 को लिया था । खैर ये सब छोङिए अम्बाती रायडू को जब-जब भी भारतीय जर्सी पहनने का गौरव प्राप्त हुआ इन्होने तब-तब उसे पुरा भुनाने की शत प्रतिशत कोशिश की और बीसीसीआई के मंसूबो और कसौटी पर खरे उतर कर दिखाया ।  2018 में अम्बाती रायडू ने वेस्टइंडीज से खेले जा रहे चौथे वन-डे के दौरान एक बार फिर ताबङतोङ बल्लेबाजी की और 80 गेंदो में  100 रनो की शतकीय पारी खेली । अम्बाती रायडू ने  46 वे ओवर की चौथी गेंद पर सिंगल लेकर रायडू ने अपने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय करियर का तीसरा शतक जङा । उन्होने इस शानदार पारी के लिए अपने शतकीय पारी में रायडू ने  4 गगनचुम्बी छक्के जङे और  8 चौक्का भी जङा और वो उस समय  125 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी कर रहे थे । वन-डे में अम्बाती रायडू का अब तक का सबसे बेस्ट स्कोर नाबाद 124` रन का है जो उन्होने 2015 मे अपने डेब्यू टीम जिम्बाब्वे के खिलाफ बनाया था । अब तक अम्बाती रायडू ने  55 वन-डे मैचो में  47.05 के एवरेज से इन्होने कुल 2143 गेंदो का सामना कर कुल 1694 रन बनाए जिसमें तीन शतक और दो अर्धशतक भी शामिल है । अपने  55 वन-डे मैचो के दौरान रायडू ने कुल  145 चौक्के और  30 छक्के लगाए और 14 बार विरोधी खिलाङियो द्वारा लिए गए रिव्यू में नॉटआउट रहे ।

    रायडू ने टी -20 में भारत की तरफ से अपना पहला डेब्यू मैच 27 सितंबर  2014 को इंग्लैंड के खिलाफ किया था अम्बाती रायडू को भारतीय टीम के टी 20 प्रारूप मैच में बहुत ही कम खेलने का अवसर मिला है इन्होने भारत के लिए मात्र  6 टी  20 मैच खेला है जिनमें से इन्हे मात्र पांच बार ही बल्लेबाजी करने का मौका मिला और इस दौरान इन्होने कुल मिलाकर 50 बॉलो का सामना किया और मात्र  42 रन ही बनाए यह आंकड़ा उनके द्वारा खेला गया 5 टी  20 मैचो का है उनका टी 20 क्रिकेट प्रारूप इतना खराब प्रदर्शन इसलिए रहा क्योकि अम्बाती रायडू को बीसीसीआई के मनमानी की वजहो से कभी स्थायी मौका नही मिला । अम्बाती रायडू मात्र एक ऐसे भारतीय खिलाड़ी है जिन्होने डेब्यू से पहले ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया   

    अम्बाती रायडू ने भारतीय क्रिकेट टीम से संन्यास क्यों लिया Why Ambati Rayudu retired from Indian cricket team


    (Ambati Rayudu Retirement)


    क्या इन्होने भारतीय क्रिकेट टीम की तरफ से एक भी टेस्ट नही खेले । Ambati rayudu को जब आए कुछ वर्षो से अच्छे प्रदर्शन करने के बावजूद भी जब उन्हे स्थायी रूप से भारतीय टीम में मौका नही मिला तो वे काफी टूट गए और उनको सबसे ज्यादा दुःख तो तब हुआ जब इन्हे लगातार अच्छे प्रर्दशन के बावजूद भी 2019 इंग्लैंड के मेजबानी में हुए विश्वकप में भारतीय टीम के 15 प्लेयर की लिस्ट में जब इन्होने अपना नाम न देखकर नवे-नवेले विजय शंकर का नाम देखा तो इनके मन में यह भावना आई की आखिर मुझे मौका क्यो नही मिला क्योकि Ambati rayudu जैसे एक संघर्षशील खिलाड़ी को 2019 विश्वकप का हिस्सा बनाया जाना चाहिए था । अम्बाती रायडू को अंतरराष्ट्रीय मैचो में 2013 से सक्रिय रहने के बावजूद भी वर्ल्डकप में मौका नही मिला बल्कि उनके जगह तमिलनाडू रणजी ट्रॉफी से चटके विजय शंकर को मौका मिला अम्बाती रायडू की तुलना में नए खिलाङी रिषभ पंत को मौका मिला जिससे उनका मनोबल पूरी तरह टूट गया इन्ही सब कारणो की वजह से अम्बाती रायडू ने  3 जुलाई  2019 को क्रिकेट के तीनो फार्मेटो टेस्ट से तो पहले ही संन्यास  ले लिया था

    (Ambati Rayudu Retirement

    अब उन्होने टी 20 और वनडे मैचो से भी हमेशा -हमेशा के लिए संन्यास ले लिया जिसका कई भूतपूर्व खिलाङियो और क्रिकेट समीक्षको ने रायडू को मौका न मिलने की वजह से उनके संन्यास लेने पर बीसीसीआई के प्रति नाराजगी भी जताई थी कुछ लोगो ने यह कमेंट किया की एक हुनरमंद खिलाड़ी बीसीसीआई के राजनीति का शिकार हो गया ।रायडू ने अपने करियर का लास्ट ODI मैच  8 मार्च  2019 को रांची में आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला और जबकि इनका लास्ट T-20 मैच  2016 में हरारे में खेले गए जिम्बाब्वे के खिलाफ ही सिमट कर रह गई ।


    अंबाती रायडू का ipl करियर


                                                              Ambati rayudu ने अपने IPL करियर की शुरुआत  2013,2015,2017 और 2019  की  IPL टीम विजेता मुम्बई इंडियंस से की थी और उन्होने  2010 में मुंबई इंडियंस के लिए अपना पहला  IPL खेला और उसी दौरान उन्हे क्रिकेट के भगवान् कहें जाने वाले सचिन तेंदुलकर के साथ खेलने का सुनहरा मौका मिला । Ambati rayudu ने  2010 से 2017 तक IPL टीम मुंबई इंडियंस में काबिज रहे और ताबङतोङ बल्लेबाजी करके लोगो का ध्यान अपनी तरफ खींचा । 2011 में मुम्बई इंडियंस की तरफ से खेलते हुए अम्बाती रायडू तब चहके जब इन्होने अपने IPL टीम मुंबई इंडियंस के लिए कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ जीत के लिए 1 बॉल पर चार रनो की जरूरत थी । कोलकाता नाइटराइडर्स की तरफ से उस वक्त बॉलिंग कर रहे थे तेज गेंदबाज अनुभवी लक्ष्मीपति बालाजी जैसे ही बालाजी ने अपनी अंतिम बॉल फेंकी जिस पर मुम्बई इंडियंस को जीत के लिए   4 रनो की दरकार थी कि अम्बाती रायडू ने बल्ला घुमाया और गगनचुम्बी शॉट लगाकर छक्के के साथ एक शानदार जीत दिलाई और अपनी टीम मुंबई इंडियंस के लिए हीरो बनकर उभरे । अम्बाती रायडू हाल ही के 2 वर्षो से यानि की 2018 से ये IPL टीम चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेल रहे है वही CSK जो महेन्द्र सिंह धोनी के देखरेख में खूब फली-फूली और  2010 , 2011 और  2018 के IPL टीम के विजेता रही अम्बाती रायडू जिस भी IPL टीम के हिस्सा रहे उनकी टीम अपने जीत की एक अलग ही कहानी लिखी । अम्बाती रायडू ने सन्  2018 में चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेलते हुए IPL का अपना पहला शतक अपने नाम किया और 2018 के IPL का वही पहला शतक भी रहा और यही कारनामा उन्होंने  2019 में CSK के लिए फिर दोहराया और फिर एक शतक ठोका और चेन्नई सुपर किंग्स के भी हीरो बनकर उभरे ।

    Ambati rayudu रायडू ने अंतरराष्ट्रीय मैचो मे ही नही बल्कि घरेलू मैचो मे भी अपना लोहा मनवाया है  2012-13 देवधर ट्रॉफी में अम्बाती रायडू सबसे अधिक रन बनाने वाले क्रिकेटर बने थे जिसके बदौलत फाइनल में इनकी टीम को जीतने में काफी मदद मिली थी । अम्बाती रायडू अपने खेल के हर कलाओ में पूर्ण है चाहे वह बल्लेबाजी हो गेंदबाजी फील्डिंग या फिर विकेटकीपिंग का काम क्यूं न हो।

    मुंबई इंडियंस IPL टीम में रहकर उन्होंने कई दफा विकेटकीपिंग भी की और विकेटकीपर के तौर पर इनके नाम तीन विकेटकीपिंग भी शामिल है । अम्बाती रायडू का पसंदीदा शॉट स्कूप शॉट है और इनकी फील्डिंग भी काफी चुस्त-दुरुस्त है । Ambati rayudu ने अपने एक साक्षात्कार के दौरान बताया था की मुझे पाकिस्तान के खिलाफ खेलना पसंद है । हम आपको बता दे की अम्बाती रायडू के करियर का टर्निंग प्वाइंट  2002 में अंडर  19 के दौरान था जब इन्होने इंग्लैंड के खिलाफ  177 रन की नाबाद पारी खेली थी जिसके लिए इन्हे फ्यूचर का सचिन कहा जाने लगा था । एक किस्सा इनका यह भी मशहूर रहा की एक क्रिकेट के दौरान जब ये आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेल रहे थे तब इन्हे अंपायर ने LBW  आउट करार दिया था जो ये मानने को तैयार नही थे और इन्होने गुस्से में आकर अपना आपा खो दिया था । जिसके कारण रायडू को  2007 में क्रिकेट खेलने से ICC द्वारा रोक लगा दिया गया था ।ऐसे ही एक झगड़ा अम्बाती रायडू का रणजी ट्रॉफी में खेलते हुए हैदराबाद की टीम से खेलने वाले अर्जुन यादव से हो गई थी । ये साल  2005-06 के रणजी सीजन का था । अनंतपुर में हो रहे उस मैच में अर्जुन यादव हैदराबाद और अम्बाती रायडू आंध्र प्रदेश की रणजी टीम से खेल रहे थे और उसी दौरान मैच की दूसरी इनिंग में रायडू के आउट होने के बाद पीछे से अर्जुन ने कुछ कमेंट किया जिसके बाद रायडू ने उन्हे जवाब देते हुए कुछ कहा दोनो के बीच बात इतनी बढ गई की अर्जुन यादव रायडू की तरफ बढे और रायडू भी कहा पीछे हटने वाले थे । वह भी अपना बल्ला लेकर उनकी तरफ बढ़ गए और जब तक ये मनमुटाव झगङे में तब्दील होता की तब तक फील्ड अंपायर्स ने आकर इन दोनो लोगो को दूर कर दिया और झगड़ा तब जाकर शांत हुआ ऐसा माना जाता है की अम्बाती रायडू गलत बर्ताव के काफी खिलाफ रहते है और उस दौरान वो काफी उत्तेजित भी हो जाते है । और एक झगड़े को लेकर एक बार फिर ये चर्चा में आए थे जब ये अपने फोर ह्वीलर गाड़ी से जा रहे थे की उसी दौरान सड़क पर खड़े कुछ लोगो से इनका झगड़ा हो गया था खैर यह झगड़ा क्यो हुआ था इसका खुलासा अम्बाती रायडू ने अभी तक नही किया है । अम्बाती रायडू अपने खेल के प्रति काफी सजग और गम्भीर रहते है

    अंबाती रायडू आयरलैंड के कप्तान|Ambati rayudu ireland captain


    जब Ambati rayudu को भारतीय टीम मे कोई जगह न मिली तो उन्होने क्रिकेट के सभी फार्मेटो से संन्यास लेकर आयरलैंड क्रिकेट टीम की ओर रूख किया और आयरलैंड की तरफ से क्रिकेट खेलने का ऑफर भेजा और इस ऑफर को आयरलैंड क्रिकेट बोर्ड की तरफ से इसे स्वीकार भी कर लिया गया और रायडू आयरलैंड चले गए । आयरलैंड ने उन्हे अपने देश की नागरिकता भी दी और अपने टीम में कप्तान के ओहदे पर भी रायडू को रखने की बात कही और रायडू ने उसे भुनाया भी अम्बाती रायडू ने आयरलैंड के घरेलू क्रिकेट के एक टी 20 श्रृंखला मे अपने धाकड़ बल्लेबाजी का नजारा पेश किया और रायडू ने महज  58 गेंद पर शतक ठोंककर भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ता बीसीसीआई और अपने आलोचको को करारा जवाब दिया जिसकी कई भूतपूर्व खिलाङियो ने प्रशंसा भी की और रायडू को पुनः भारतीय टीम में लौट आने को कहा पर रायडू ने तो कुछ और ही अपने मंसूबे बना रखे है तो आने वाले समय में आपको अम्बाती रायडू आयरलैंड क्रिकेट टीम से खेलते हुए अंतरराष्ट्रीय मैचो में नजर आएंगे और वो अपने ही देश भारत के खिलाफ मैच खेलेंगे । ऐसा अम्बाती रायडू ने केवल -ब-केवल अपनी उपेक्षा और भारतीय टीम में लगातार कुछ वर्षो से स्थायी जगह न मिलने की वजहो से किया और ऐसा कदम उठाया । उन्होंने जो भी किया अपने प्रतिभा और हौसले को दिखाने के लिए किया और वो आयरलैंड टीम की तरफ से खेलते हुए आयरलैंड को ऊंचे मकाम तक पहुंचाना चाहते है और वो अब तो सभी टीमो से टक्कर लेने के लिए भी तैयार है और आयरलैंड को अपनी रणनीति के हिसाब से सजग करके खेलने के गुणो को सीखा रहे है और खुद तो एक बार आयरलैंड की जर्सी में नजर आ चुके है ।
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