क्या मुख्यमंत्री अपने पीछे राष्ट्रीय झण्डा लगाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते है ??

हम आपको बता दे कि मुख्यमंत्री ही नही बल्कि अन्य मंत्री और देश के लोकतंत्र मे विधि द्वारा स्थापित किसी भी पद के मंत्री या अध्यक्ष को संविधान की तरफ से यह अधिकार मिला हुआ है कि वो स्वतंत्र रूप से देशप्रेम का द्योतक राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को लगाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते है, यह तो किसी भी देश के लिए गौरवान्वित और अपने देश से प्रेम और लगाव होने का सर्वोत्तम संकेत है ।मुख्यमंत्री भारतीय राज्य की कार्यपालिका का वास्तविक प्रधान होता है ।वह राज्य विधानसभा का उत्कृष्ट  नेता होता है । मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल के द्वारा संविधान के अनुच्छेद  163 के तहत की जाती हैं ।
साल 2004 से पहले तक सिर्फ सरकारी विभागो,कार्यालयो और शैक्षणिक संस्थानो मे ही तिरंगा फहराने की इजाजत थी, लेकिन साल 2004 ही में भारत सरकार बनाम नवीन जिंदल मामले को पारदर्शी रूप से इस प्रकरण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया कि सम्मान और गर्व के साथ स्वतंत्र रूप से राष्ट्रीय झण्डे को फहराने का अधिकार, भारत के संविधान के अनुच्छेद  19(A) के अनुसार हरेक नागरिक का मौलिक अधिकार है। वह राष्ट्र के प्रति अपनी निष्ठा और भावनाओ की अभिव्यक्ति का गर्व कर सकता हैं ।
हम आप सभी को विगत कराना चाहते हैं कि भारतीय झण्डा संहिता  2002 के मुताबिक आम नागरिको को अपने वाहन पर तिरंगा लगाने की इजाजत नही थी इसकी इजाजत सिर्फ राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री ,राज्य मंत्री और केंद्रीय उपमंत्री ,लोकसभा अध्यक्ष& उपाध्यक्ष  राज्यसभा के उपसभापति, राज्य विधानपरिषदो के सभापति & उपसभापति, राज्य और संघ शासित प्रदेश के विधानसभाओ के अध्यक्ष &उपाध्यक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश & न्यायमूर्ति (SC& HC) ,मुख्यमंत्री,राज्यपाल समेत कुछ चुनिंदा लोग ही अपनी गाड़ी पर तिरंगा लगा सकते है ।
और यह भी विगत करा देते है कि  अगर कोई आम नागरिक अपने वाहन पर तिरंगा फहराता है तो वो गैरकानूनी हैं ऐसे लोगो के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है । वाहन के अलावा, रेलगाड़ी, नाव,वायुयान के ऊपर बगल मे या पीछे तिरंगे को नही फहराया जाएगा अगर कोई ऐसा करता हुआ पाया गया तो उसको जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है पर अपवाद मे तीनो सेनाओ के किसी भी अभियांत्रिकी पर यह नियम लागू नही होता हैं वो राष्ट्रीय ध्वज को देशभक्ति की प्रचण्डता को दिखाने के लिए फहरा सकते है । एक जानकारी से और आपको रूबरू करवा दे कि यदि कोई विदेशी अतिथि भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई कार में यात्रा करता है तो, राष्ट्रीय ध्वज उस कार की दाई ओर लगाया जाएगा, जबकि उस विदेशी अतिथि के देश के झण्डे को कार के बाईं ओर लगाया जाएगा ।
जब राष्ट्रपति देश मे ही किसी विशेष ट्रेन से यात्रा करते हैं, तो जिस स्टेशन से ट्रेन रवाना होती है, वहां ड्राइवर के केबिन पर प्लेटफार्म की ओर राष्ट्रीय झंडा तब लगाया जाएगा, जब रेलगाड़ी वहां पर खङी रहेगी ।
अगर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री विदेश यात्रा करते हैं, तो उस विमान पर राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाएगा, इसके अलावा जिस देश की यात्रा की जा रही हैं, तो उस देश का भी झण्डा साथ मे लगाया जाएगा ।
राष्ट्रपति देश में किसी विमान से यात्रा या दौरा करते हैं तो भी उसके विमान में तिरंगा लगाया जाएगा ।
राष्ट्रीय ध्वज को फाङना, जलाना या किसी भी तरीके से अपमानित करने वाले के ऊपर भारतीय कानून संहिता  (IPC) की धारा 124A के तहत देशद्रोही माना जाएगा, इसके लिए उसे आजीवन कारावास या तीन साल की सजा का प्रावधान है ।


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